alok ji ke nimantran per jai jaivanti samaroh main upsthith hone ka mauka mila. pase se chemical engineer hoon per ashok ji yuva rachnakaro ki team main samil hona chata hoon.
jaijyavanti ki agli masik gosti kab hai, sambhav ho suchit kare. akhilesh_srivastava@jubl.com
महज़ अलफाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता कोई पेशा ,कोई व्यवसाय नही है कविता । कविता शौक से भी लिखने का नहीं इतनी सस्ती भी नहीं,इतनी बेदाम नहीं । कविता इंसान के ह्रदय का उच्छ्वास है, मन की भीनी उमंग,मानवीय अहसास है । महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नही हैं कविता कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
कभी भी कविता विषय की मोहताज़ नहीं नयन नीर है कविता ,राग -साज़ नहीं । कभी कविता किसी अल्हड योवन का नाज़ है कभी दुःख से भरी ह्रदय की आवाज है कभी धड़कन तो कभी लहू की रवानी है कभी रोटी की ,कभी भूख की कहानी ही । महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता, कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥
मुफलिस ज़िस्म का उघडा बदन ही कभी बेकफान लाश पर चदता हुआ कफ़न ही कभी । बेबस इन्स्सन का भीगा हुआ नयन ही कभी, सर्दीली रत में ठिठुरता हुआ तन ही कभी । कविता बहती हुई आंखों में चिपका पीप हैं , कविता दूर नहीं कहीं, इंसान के समीप हैं । महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता, कोई पेशा, कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥ KAVI DEEPAK SHARMA http://www.kavideepaksharma.co.in http://www.kavideepaksharma.blogspot.com
13 comments:
पायल वैसे हम तो हैं आपके कायल कुछ लिखियेगा भी? वैसे ये तस्वीर अच्छी लगी. ब्लॉगजगत मे आपका स्वागत है !!!!
चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है पायल जी। लिखना शुरु कीजिए और नारद पर रजिस्टर होइए।
नारद: http://narad.akshargram.com
नए चिट्ठाकारों के स्वागत पृष्ठ पर भी अवश्य जाएं।
http://akshargram.com/sarvagya/index.php/welcome
चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है!
पायल जी,
खींच रही हैं आप लगातार चित्र
लिखना भी शुरू कीजिये कुछ मित्र
यह बात सही है कि एक चित्र कह जाता है जो
हज़ार शब्द नही कह पाते हैं बात सटीक है वो
फिर भी लिखने में एक अलग ही आनन्द है
पढ़ने वाला भी पाता मथने पर परमानन्द है
कलम चलाओ और कुछ ऐसे लिखो कि हर शब्द से एक चित्र छल्के ;-)
आपका शिष्य !
जन्माष्टमी पर सब सुनेगे क्रंदन
जन्म लेंगे जब देवकी नंदन
गोपियों संग होगी रास लीला
यशोदा पुत्र का होगा अभिनन्दन
कवि छिप बैठे छज्जे से सटके
गुप-चुप माखन खायेंगे डटके।
PAYALAM KO जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
wah kya photo hai.
very good photo.
alok ji ke nimantran per jai jaivanti samaroh main upsthith hone ka mauka mila.
pase se chemical engineer hoon per ashok ji yuva rachnakaro ki team main samil hona chata hoon.
jaijyavanti ki agli masik gosti kab hai, sambhav ho suchit kare.
akhilesh_srivastava@jubl.com
महज़ अलफाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता
कोई पेशा ,कोई व्यवसाय नही है कविता ।
कविता शौक से भी लिखने का नहीं
इतनी सस्ती भी नहीं,इतनी बेदाम नहीं ।
कविता इंसान के ह्रदय का उच्छ्वास है,
मन की भीनी उमंग,मानवीय अहसास है ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नही हैं कविता
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
कभी भी कविता विषय की मोहताज़ नहीं
नयन नीर है कविता ,राग -साज़ नहीं ।
कभी कविता किसी अल्हड योवन का नाज़ है
कभी दुःख से भरी ह्रदय की आवाज है
कभी धड़कन तो कभी लहू की रवानी है
कभी रोटी की ,कभी भूख की कहानी ही ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता,
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥
मुफलिस ज़िस्म का उघडा बदन ही कभी
बेकफान लाश पर चदता हुआ कफ़न ही कभी ।
बेबस इन्स्सन का भीगा हुआ नयन ही कभी,
सर्दीली रत में ठिठुरता हुआ तन ही कभी ।
कविता बहती हुई आंखों में चिपका पीप हैं ,
कविता दूर नहीं कहीं, इंसान के समीप हैं ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता,
कोई पेशा, कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥
KAVI DEEPAK SHARMA
http://www.kavideepaksharma.co.in
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